वैदिक इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन रायगढ़ की हठधर्मिता का एक और मिसाल
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‘सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का ‘
जी यह कहावत इस बात से चरितार्थ होती है कि स्थानीय वैदिक इंटरनेशनल स्कूल, रायगढ़ सभी शासकीय नियमों एवं निर्देशों को एक बार पुन: धता बताते हुए शुक्रवार 14 सितंबर, 2025 ” *बाल* *दिवस* ” के दिन भी छात्रों की परीक्षाएं की तिथि निश्चित की गई है। जबकि उस दिन समस्त विद्यालयों में बाल दिवस मनाया जाकर छात्र – छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की जाने की प्राचीन परंपरा है। परंतु तथाकथित वैदिक स्कूल प्रबंधन को इन सब norms से कोई सरोकार नहीं है। यह न केवल विद्यार्थियों के हितों के विपरीत है, वरन उनके प्रतिभाओं को भी हतोत्साहित करता है । यह कोई पहला उदाहरण नहीं है। पूर्व में भी इस विद्यालय द्वारा *शासकीय* *अवकाशों* पर भी नियमों एवं शासकीय निर्देशों की स्पष्ट अवहेलना करते हुए जानबूझकर कुछ न कुछ बहाना बना कर कक्षाएं संचालित की जाती रही है, जबकि उक्त दिवसों में परीक्षाओं की तिथि को आसानी से टाला जा सकता था। अवकाश के दिन अनावश्यक रुप से कक्षाओं के संचालन से छात्रों के साथ साथ उनके अभिभावकों को भी परेशानियां होना लाजिमी है, परंतु स्कूल प्रबंधन को इससे क्या। आखिर इनकी हठधर्मिता किसके शह पर बदस्तूर जारी है यह समझ से परे है। क्या जिला प्रशासन एवं जिला शिक्षा अधिकारी इस बार इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेंगे या पूर्व की तरह यह एपीसोड भी ठंडे बस्ते की भेंट चड़ेगा?

