● *कियोस्क संचालक ने भू-अर्जन राशि हड़पी, तमनार पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा रिमांड पर*

*रायगढ़, 10 नवंबर* । तमनार थाना क्षेत्र में ग्रामीण महिला को धोखे में रखकर भू-अर्जन से प्राप्त मुआवजा राशि हड़पने वाले कियोस्क बैंक संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया है। आरोपी नरेंद्र बेहरा पिता सबेचंद बेहरा उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम छिरवानी, जो मिलुपारा में कियोस्क बैंक संचालित करता था, पर महिला के खाते से ₹4,62,500 निकालने का आरोप है।
घटना के संबंध में जानकारी के अनुसार पीड़िता सत्यभामा सिदार निवासी मिलुपारा (हाल छिरवानी) ने 09 नवंबर 2025 को थाना तमनार में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी मां रूपवती सिदार को भू-अर्जन के तहत रूपये मिले थे जिसमें से 15 लाख रुपये इसके खाते में इसकी मां डाली थी। बैंक की दूरी अधिक होने के कारण वह मिलुपारा स्थित आरोपी के कियोस्क केंद्र से राशि निकालने जाती थी। उसी दौरान सितंबर 2020 से दिसंबर 2020 के बीच जब रूपये लेन-देन के लिए आरोपी के कियोस्क शाखा गई थी, तभी आरोपी ने उसके खाते से अलग-अलग तिथियों में कुल ₹4,62,500 अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया।
महिला ने बताया कि आरोपी अक्सर पैसे निकालते समय दो बार अंगूठा लगाने को कहता था और उसी बीच चालाकी से राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता था। आरोपी ने उसके बड़े पापा और भाई हलधर सिदार के खातों से भी भू-अर्जन की राशि निकाल ली थी। आरोपी को ट्रांजैक्शन की अधिकृत आईडी प्राप्त थी, जिसका दुरुपयोग करते हुए उसने अमानत में खयानत, धोखाधड़ी की।
अपराध पंजीबद्ध के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए तमनार पुलिस ने आरोपी की पतासाजी कर 10 नवंबर 2025 को उसे गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी ने मिलुपारा क्षेत्र के अन्य ग्रामीणों के खातों से भी प्रदत्त भू-अर्जन की राशि निकाली है, जिसकी जांच की जा रही है।
इस प्रकरण में अपराध क्रमांक 266/2025 धारा 420, 409 भादंवि के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी से बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और एक मोबाइल फोन जप्त कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। कार्रवाई पुलिस अधीक्षक रायगढ़ श्री दिव्यांग पटेल के दिशा-निर्देशन, डीएसपी साइबर सेल श्री अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन एवं थाना प्रभारी तमनार निरीक्षक कमला पुसाम ठाकुर के नेतृत्व में की गई। पुलिस टीम में एएसआई सुरूति सिदार, प्रधान आरक्षक हेम प्रकाश सोन, देव प्रसाद राठिया तथा आरक्षक पुष्पेन्द्र सिदार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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